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संतोष
संतोष, आलसी और अकर्मण्य पुरुषोंके कामकी वस्तु नहीं है । आलसी और अकर्मण्य पुरुष संतोषी नहीं होते; वे तो कामना की ज्वाला में सदा जलते रहते हैं । उनकी तृष्णा कभी नहीं मिटती । कुशलतापूर्वक कर्म करने की…